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तेलंगाना का दूसरा नाम क्या है?

             तेलंगाना का इतिहास

तेलंगाना का इतिहास बहुत ही विस्तृत है। इस क्षेत्र का इतिहास बहुत पुराना है और इसे महाभारत काल से जोड़ा जाता है। यह क्षेत्र अपने नाम का नामकरण दक्षिण भारत के मुगल शासक और कवि अब्दुल कलाम ने किया था।


तेलंगाना का इतिहास निम्नलिखित रूप से है:

शासन काल: तेलंगाना का इतिहास शासन काल से शुरू होता है। मुगल शासकों के शासन के दौरान, इस क्षेत्र में बहुत सारे राज्य थे। उनमें से कुछ राज्य थे खैराबाद, वरंगल, हैदराबाद, महबूबनगर और गोलकोंडा।


निजाम शासन: इस क्षेत्र का इतिहास बदला जब निजाम शासन स्थापित हुआ। निजाम शासकों का शासन काफी समय तक जारी रहा। इस दौरान, तेलंगाना एक स्वतंत्र राज्य नहीं था।


हैदराबाद राज्य: 1948 में तेलंगाना को भारत से शामिल कर दिया गया। तब से हैदराबाद राज्य के तौर पर तेलंगाना का इतिहास शुरू हुआ।


        तेलंगाना के प्रसिद्ध शासक


तेलंगाना के प्रसिद्ध राजाओं में से कुछ निम्नलिखित हैं:


ककतीय राजवंश: ककतीय राजवंश तेलंगाना के इतिहास में सबसे प्रसिद्ध है। इस राजवंश का शासन तीन शताब्दियों तक जारी रहा। इस दौरान ककतीय राजवंश ने अपने क्षेत्र को समृद्ध और समृद्धिशाली बनाया।


बहमनी सल्तनत: बहमनी सल्तनत तेलंगाना के इतिहास में एक महत्वपूर्ण स्थान रखती है। इस सल्तनत का शासन 14वीं से 16वीं शताब्दी तक जारी रहा।


कुटुबशाही वंश: कुटुबशाही वंश तेलंगाना के इतिहास में एक अन्य महत्वपूर्ण राजवंश था। इस वंश का शासन 16वीं से 17वीं शताब्दी तक जारी रहा।


निजाम शाही वंश: निजाम शाही वंश तेलंगाना के इतिहास में सबसे अंतिम राजवंश था। इस वंश का शासन 18वीं से 20वीं शताब्दी तक जारी रहा।


ये सभी राजवंश तेलंगाना के इतिहास में एक महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं और इनके शासन के दौरान तेलंगाना का विकास

       तेलंगाना का दूसरा नाम क्या है?


तेलंगाना का दूसरा नाम 'कल्हंडी' है। यह नाम तेलंगाना के एक क्षेत्र के रूप में प्रचलित है, जो पूर्व में कल्हंडी राज्य के नाम से जाना जाता था। 2014 में भारत सरकार द्वारा तेलंगाना राज्य के गठन के बाद से, तेलंगाना नाम का प्रयोग किया जाता है।

         

             तेलंगाना का पहनावा क्या है?


तेलंगाना का पहनावा अपनी स्थानीय परंपराओं और रंगों के लिए जाना जाता है। लोगों के परिधान में उदाहरण तौर पर, महिलाएं चुड़ी, गहने, फूलों की गजरियां, साड़ी आदि पहनती हैं।


पुरुषों के परिधान में ढोती, कुर्ता, पगड़ी आदि पहने जाते हैं। तेलंगाना के पहनावे में उदार और आकर्षक रंगों का भी बड़ा महत्व है। इस पहनावे का एक अहम हिस्सा है गुंडा, जो पुरुषों द्वारा पहने जाने वाले धोती का एक टुकड़ा होता है जो कमर में बाँधा जाता है।
साथ ही, तेलंगाना के विभिन्न क्षेत्रों में अलग-अलग पहनावे होते हैं, जो अपनी स्थानीय परंपराओं और रंगों के लिए जाने जाते हैं।


तेलंगाना राज्य की सीमा कितने राज्यों से लगती है?

तेलंगाना राज्य भारत के दक्षिणी क्षेत्र में स्थित है। यह राज्य अपनी सीमाओं के माध्यम से अन्य राज्यों से घिरा हुआ है।


तेलंगाना राज्य की सीमाएं निम्न राज्यों से लगती हैं:

उत्तर में - महाराष्ट्र राज्य से
पश्चिम में - कर्नाटक राज्य से
तटबंध से दक्षिण में - आंध्र प्रदेश राज्य से
पूर्व में - छत्तीसगढ़ राज्य से
इस तरह, तेलंगाना राज्य की सीमाएं कुल मिलाकर पांच राज्यों से लगती हैं।


तेलंगाना राज्य में कुल कितने जिले हैं?


तेलंगाना भारत का राज्य है और इसमें कुल 33 जिले हैं। इन जिलों के नाम निम्नलिखित हैं:



आदिलाबाद
भद्रद्रि कोठागुडम
हैदराबाद
जगित्याल
जंगाओन
जयशंकर भूपलपल्ली
जोगुलंबा गधवाल
कमरेड्डी
करीमनगर
खम्मम
महबूबाबाद
महबूबनगर
मंचेरियाल
मेडचल
मुलुगु
नगरकर्नूल
नलगोंडा
निर्मल
निजामाबाद
पेड्डापल्ली
राजन्न सीरील्ली
रांगारेड्डी
सांगारेड्डी
सिद्दिपेट
सुर्यापेट
वनपर्थी
विकाराबाद
वारंगल शहर
वारंगल ग्रामीण
यादाद्रि भुवनगिरि
यादाद्रि जानपद
कोमरंग जानपद
मुह



तेलंगाना का प्रमुख भोजन क्या है?


तेलंगाना राज्य का भोजन बहुत विविध है और यह अनेक स्थानों से प्रभावित है। इसके अलावा, तेलंगाना में बहुत सारे दक्षिण भारतीय व्यंजन भी बनाए जाते हैं। यहां कुछ प्रमुख तेलंगाना के व्यंजन हैं:


ह्यदराबाद दम बिरयानी - ह्यदराबाद दम बिरयानी तेलंगाना का प्रसिद्ध व्यंजन है। यह बिरयानी बेसमेल चावल और मसालों के साथ तैयार की जाती है।


गुंड्पोंगल - यह भात का एक विशेष व्यंजन है जो दक्षिण भारत में बहुत लोकप्रिय है। इसमें बेसन, अरहर की दाल, हरी मिर्च और अन्य मसाले होते हैं।


कोडा पूरी - यह एक पॉपुलर नाश्ता है जो तेलंगाना में बहुत लोकप्रिय है। यह फूलगोभी, आलू, मैदा और मसालों से बनता है।


चिंग्राज की बुर्रा कबाब - यह एक दक्षिण भारतीय व्यंजन है जो तेलंगाना में बहुत पसंद किया जाता है। इसमें बेफ के टुकड़ों को धूप में सेंककर मसालों से भरकर बनाया जाता है।

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