भूकंप एक प्राकृतिक आपदा होती है जो धरती की तरंगों में से एक है। यह धरती की तरंगों के झटकों के कारण होता है जो जमीन के निचले हिस्से में स्थित विभिन्न परतों को हिला देते हैं। जब दो या दो से अधिक टेक्टोनिक प्लेट मिलते हैं तो उनके बीच एक भारी दबाव बनता है जो धरती की तरंगों को हिलाने लगता है।
भूकंप की भौतिकी यह होती है कि जब दो प्लेट एक दूसरे से हटते हैं तो उनमें रुख-रुखाव उत्पन्न होते हैं जो एक झटके के रूप में जमीन के मुख्य नस्लों को हिलाते हैं। भूकंप के दौरान जमीन अचानक से हिलता है और इससे इलेक्ट्रिक विद्युत के विभिन्न प्रकारों के उत्पाद और बड़ी आकार के झुकाव भी हो सकते हैं। यह जमीन के निचले हिस्से में विभिन्न परतों को हिला देता है जो आमतौर पर कारण बनते हैं कि भूकंप के दौरान भूमि या भवनों में क्षतिग्रस्ति होती है।
भूकंप क्या है भूकंप आने के दो कारण बताइए?
भूकंप एक प्राकृतिक आपदा होती है जो धरती की तरंगों में से एक है। जब जमीन के भीतर या इसके पास कुछ बदलाव होते हैं तो भूकंप होता है। भूकंप आमतौर पर जलवायु परिवर्तन या जीवाश्म जैसी प्राकृतिक क्रियाओं से उत्पन्न होते हैं।
भूकंप के दो प्रमुख कारण होते हैं:
तंत्रिक भूकंप: ये भूकंप उन क्षेत्रों में होते हैं जहां दो या दो से अधिक टेक्टोनिक प्लेट मिलते हैं और उनमें झुकाव उत्पन्न होता है। जब इन प्लेटों में कोई बदलाव होता है तो उनमें रुख-रुखाव उत्पन्न होते हैं जो एक झटके के रूप में जमीन के मुख्य नस्लों को हिलाते हैं। इन झटकों को सीस्मिक झटके कहा जाता है।
अशुद्ध भूकंप: ये भूकंप प्राकृतिक घटनाओं के कारण होते हैं, जैसे कि ज्वालामुखी विस्फोट, भूमिगत उद्गार और भूमिगत संकट जैसे कारणों से होते हैं। इन भूकंपों की तेज़ी व आकार अलग-अलग होते हैं
भूकंप का मुख्य कारण क्या है?
भूकंप का मुख्य कारण जमीन के भीतर या इसके पास टेक्टोनिक प्लेट में झुकाव उत्पन्न होना है, जिससे धरती की तरंगों में बदलाव होता है। ये टेक्टोनिक प्लेटें स्थाई रूप से आपस में टकराती रहती हैं और जब इनमें बदलाव होता है तो इससे रुख-रुखाव उत्पन्न होते हैं जो भूकंप का मुख्य कारण होते हैं।
जब टेक्टोनिक प्लेटें एक दूसरे से अलग होती हैं तो इससे झुकाव के साथ जमीन में तनाव उत्पन्न होता है और जब यह तनाव स्थायी रूप से तोड़ दिया जाता है, तो जमीन के मुख्य नस्लों में झटके के रूप में रुख-रुखाव होते हैं जो भूमिगत भूकंप के रूप में जाने जाते हैं।
इसके अलावा, अन्य कारणों जैसे कि ज्वालामुखी विस्फोट, भूमिगत उद्गार और भूमिगत संकट जैसे प्राकृतिक कारण भी भूकंपों के उत्पादन में भूमिका निभाते हैं।
भूकंप के कितने प्रकार?
भूकंप कई प्रकार के होते हैं, जिन्हें मुख्य रूप से तीन श्रेणियों में वर्गीकृत किया जाता है:
तकनीकी भूकंप (Tectonic Earthquake) - ये सबसे आम भूकंप होते हैं और टेक्टोनिक प्लेटों के झुकाव से उत्पन्न होते हैं। ये भूकंप सबसे अधिक प्राकृतिक भूकंप होते हैं और आमतौर पर उच्च आंकड़ों वाले क्षेत्रों में होते हैं।
अंतरिक्ष से भूकंप (Extraterrestrial Earthquake) - इन भूकंपों का कारण सौर मंडल वाले ऊर्जा और कमजोर ग्रह या उपग्रहों के झटके होते हैं।
मानव उत्पन्न भूकंप (Human-induced Earthquake) - ये भूकंप इंसान द्वारा उत्पन्न किए गए कारणों से होते हैं, जैसे कि मिनिंग, प्रतिस्थापन, नाविक गतिविधियां, विश्वासघात और अन्य कारण।
इसके अलावा, भूकंप का अन्य एक प्रकार है "ज्वालामुखी से संबंधित भूकंप" जो ज्वालामुखी विस्फोट के कारण होते हैं।
भूकंप मापी यंत्र का नाम क्या है?
भूकंप मापी यंत्र का नाम "सेिस्मोग्राफ" (Seismograph) होता है। सेिस्मोग्राफ भूकंप के जटिल गतिशील आवेशों को मापता है और उनकी गति, अवधि, तथा अन्य विशेषताओं को दर्शाता है। भूकंप के समय, सेिस्मोग्राफ उत्पन्न जनित विभिन्न तरंगों को एक चार्ट या ग्राफ में बनाता है, जिससे भूकंप के मूल्यों का अनुमान लगाया जा सकता है।
भूकंप की तीव्रता कितनी होती है?
भूकंप की तीव्रता (magnitude) भूमि के अधिकतम त्रासदी जोन में मापी जाती है जिसे "रिक्टर माप" (Richter scale) के द्वारा नापा जाता है। रिक्टर माप 1 से 10 तक के अंकों के साथ व्यक्त किया जाता है, जहाँ 1 सबसे कम तीव्रता को दर्शाता है और 10 सबसे अधिक तीव्रता को दर्शाता है।
हालांकि, रिक्टर माप अक्सर समझौतापूर्ण होता है और विभिन्न प्रकार के भूकंपों के लिए उपयोगी नहीं होता है। अलग-अलग देशों द्वारा उनके लिए विशेष तीव्रता मापने के लिए विभिन्न मापक निर्धारित किए गए हैं, जिनमें मेकालुम मापक, मोडीफाइड मेकालुम मापक आदि शामिल हैं।
भारत में भूकंप के केंद्र कितने हैं?
भारत एक सक्रिय भूकंप प्रदेश है और भारत में अनेक भूकंप आते रहते हैं। हालांकि, भारत में कुछ खास केंद्र हैं जहां भूकंप ज्यादा होते हैं। इन केंद्रों में से कुछ हैं:
हिमालयी क्षेत्र
काच्छ-मकरण झोन
राजस्थान के ठार रेगिस्तान
पुर्वोत्तर भारत का त्रिपुरा राज्य
इन केंद्रों के अलावा, भारत के अन्य क्षेत्रों में भी भूकंप आते रहते हैं। भारत में अनेक भूकंप आते रहते हैं, लेकिन बहुत से ऐसे भूकंप होते हैं जो अनुभवकर्ता के द्वारा महसूस नहीं किए जाते हैं और अनेक ऐसे भी होते हैं जो बहुत तीव्र नहीं होते हैं और उनसे कोई बड़ा नुकसान नहीं होता है।
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