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नदी द्वारा निर्मित स्थलाकृति(Topography formed by river)

नदी द्वारा निर्मित स्थलाकृति(Topography formed by river)
नदी द्वारा निर्मित स्थलाकृति एक ऐसी स्थलाकृति होती है, जो नदी के पानी के प्रभाव से उत्पन्न होती है। नदी जब अपने पानी को बहाती है, तो उसकी धारा एक स्थान पर टिक जाती है और अपनी मात्रा के अनुसार वहां पर चौड़ी या लम्बी स्थलाकृतियां बनती हैं।
नदी द्वारा निर्मित स्थलाकृतियों में कुछ उदाहरण हैं:


मेंढक बसेरा: यह नदी के किनारे बनी छोटी स्थलाकृति होती है, जो जल के गिरने से निर्मित होती है। इनमें मेंढक आदि जीव बसते हैं।


खादी: जब नदी की धारा अपनी मात्रा से बढ़ जाती है, तो वह निर्मित स्थलाकृति को खादी कहलाती है। इनमें पानी जमा रहता है और इससे जंगली प्राणियों को पानी की आसान पहुँच मिलती है।


बंदरगाह: नदी के किनारे जब बहुत बड़ी स्थलाकृति बनती है तो उसे बंदरगाह कहते हैं। ये जगहें जंगली जानवरों के लिए अहम माने जाते हैं।


मुहाना(Estuary)


मुहाना एक हिंदी शब्द है जिसका अर्थ होता है "मुखौटा" या "जहाज का आगे का हिस्सा"।



जल प्रवाह से संबंधित विषय में, मुहाना नदी के एक स्थान को दर्शाता है, जहां एक छोटी सी नदी मुख्य नदी में मिलती है। इस स्थान पर नदी के चौड़े आकार के कारण उसका नाम मुहाना पड़ा है। मुहाना स्थल के आसपास धरती का दृश्य बहुत खूबसूरत होता है और इसे टूरिस्ट आकर्षण के रूप में भी देखा जाता है।
इसके अलावा, "मुहाना" शब्द नौकाविहार से भी जुड़ा होता है। यह जहाज का आगे का हिस्सा होता है, जिससे नौका को समुद्र में स्थिर रखने में मदद मिलती है। नौकाविहार के इस हिस्से को जाहिर मुहाना भी कहा जाता है।


इस तरह से, "मुहाना" शब्द कई अर्थों में उपयोग किया जाता है, जो नदी संबंधित विषयों और नौकाविहार संबंधित विषयों से संबंधित हो सकते हैं।

नदियों के प्रकार(Type of rivers)


विश्व में अनेक प्रकार की नदियाँ होती हैं। नदियों को उनकी स्थानीय विशेषताओं और उनके स्रोतों के आधार पर कुछ मुख्य प्रकारों में वर्गीकृत किया जा सकता है।
निम्नलिखित हैं कुछ मुख्य नदी प्रकारों का विवरण।


सीमांत नदियाँ: सीमांत नदियाँ अपने स्रोत से लेकर संघर्ष की सीमा तक बहती हैं। इन नदियों के स्रोत आमतौर पर पर्वतों और पहाड़ों में होते हैं और ये धीरे-धीरे गहरे खाईदार दर्रों से बहती हैं। कुछ मुख्य उदाहरण इस प्रकार की नदियों के हैं - गंगा, यमुना, ब्रह्मपुत्र, सिंधु, जेलम, चेनाब, रावी आदि।


मंडल नदियाँ: मंडल नदियाँ एक निश्चित क्षेत्र में बहती हैं और ये लंबी नहीं होती हैं। इन नदियों का एक उदाहरण नर्मदा नदी है।


देशांतर नदियाँ: देशांतर नदियाँ भू-अक्षांशों को काटती हैं और कुछ मुख्य नदियों में इस प्रकार की नदियाँ शामिल हैं।


प्रवणता(Gradient)


प्रवाह या प्रवणता एक वस्तु, जैसे कि एक द्रव्यमान या विद्युत धारा, के लिए उसके समय या फिजिकल उपस्थिति के समय से संबंधित होती है। यह संबंध उस वस्तु के संपूर्ण व्यापकता या वस्तुता के समय से अलग हो सकता है।


नदी की प्रवणता उसके जल स्तर और नदी में पानी की गति से जुड़ी होती है। प्रवाह की गति नदी के ढेर, पानी की मात्रा, वर्षा की मात्रा, नदी में पानी के उच्चतम स्तर और अन्य तत्वों पर निर्भर करती है। प्रवाह की गति के आधार पर नदियों को विभिन्न वर्गों में वर्गीकृत किया जाता है।


प्रवाह की गति को मीटर प्रति सेकंड (m/s) या लीटर प्रति सेकंड (L/s) में मापा जाता है। एक नदी की प्रवाह के आधार पर, उसके अनुसार नाविक यात्रा की अनुमति दी जाती है और नदी से जुड़े अन्य गतिविधियों की भी योजना बनाई जाती है।

क्षिप्रिका(Kshiprika)


क्षिप्रिका एक तरह की उच्च वेग वाली धारा होती है, जो अपने साथ बड़े-बड़े पत्थर और छोटे टुकड़ों को भी ले जाती है। इसे अंग्रेजी में 'riffle' या 'rapid' कहा जाता है। ये धाराएं नदियों में आमतौर पर उत्पन्न होती हैं, जब पानी के ढेर एक स्थान पर आते हैं और फिर उन्हें नदी में आगे ले जाने के लिए ऊपर की ओर ढलान बनानी पड़ती है। ये धाराएं नदी के स्रोत से नीचे की ओर चलते हुए पाए जाते हैं।
क्षिप्रिकाएं नदियों में जल स्तर को बढ़ाती हैं और जल संचार के लिए महत्वपूर्ण होती हैं। ये धाराएं भी जीवन के लिए आवश्यक मिट्टी और अन्य पोषण तत्वों को बदलती हैं, जिससे वातावरण को संतुलित रखा जाता है। इन धाराओं का संचार तीव्र होने के कारण वे कई प्राकृतिक जीवनों के घर बन जाती हैं, जिन्हें उनकी जीवन प्रक्रियाओं के लिए इन धाराओं की आवश्यकता होती है।

V आकार की घाटी(V shaped valley)


वी आकार की घाटी एक विशेष प्रकार की घाटी होती है जो आमतौर पर ऊपरी भूमि पर विस्तृत रूप से फैलती है। ये घाटियों के मुख्य विशेषताओं में से एक होती हैं और इनके नाम के पीछे "V" आकार का होना इसकी पहचान बन जाता है।


वी आकार की घाटियों के मुख्य विशेषताओं में से एक है कि ये आमतौर पर पानी के वाहन के लिए अच्छे स्थान होते हैं। इन घाटियों में पानी आसानी से बहता है और जल संचार की दृष्टि से ये बहुत महत्वपूर्ण होते हैं।


वी आकार की घाटियों को अक्सर पहाड़ों और बर्फ से ढके इलाकों में पाया जाता है। इन घाटियों के मध्य से नदियां, झीलें और जल प्रवाह होते हैं, जो उपजाऊ भूमि के लिए ज़रूरी होते हैं। वी आकार की घाटियों को वादियों के बीच की तरह देखा जा सकता है, और ये प्रकृति की सबसे सुंदर तथा रोमांचक दृश्यों में से एक होते हैं।

गार्ज(Gharg)


V आकार की घाटी जब गहरी हो जाती है तो उसे गार्ज कहते हैं।


कैनियन(Cainiyan)


कैनियन नीचे की तरफ उत्तरी अमेरिका में स्थित होने वाला एक बड़ा दोहरा घाटी है। यह विश्व का सबसे बड़ा खाड़ी है जिसे उत्तरी अमेरिका में स्थित होने के कारण "उत्तरी अमेरिकी खाड़ी" भी कहा जाता है। यह लगभग 4000 किलोमीटर लंबी होती है और इसमें बहुत सारी नदियां बहती हैं, जैसे कि कोलंबिया, सेकवान, मिस्सूरी और कलोराडो नदी।


यह घाटी लगभग 6 करोड़ वर्ष पुरानी है और इसमें लगभग 1,200 मीटर ऊंचाई की चट्टानें होती हैं। इस घाटी में धातुओं, खनिज और ऊर्जा संसाधनों की विशाल संपदा होती है। इसके अलावा, यह वनस्पति और जीव विविधता के लिए भी प्रसिद्ध है। इसका पूर्वी हिस्सा अमेरिकी राष्ट्रीय उपवन के रूप में खासकर संरक्षित है जो कि दुनिया भर के यात्रीयों के बीच लोकप्रिय है।

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